#जमीन जल चुकी है #आसमान बाकी है,
#दरख्तों तुम्हारा #इम्तहान बाकी है...!
वो जो #खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उन्हीं की #आँखों में अब तक #ईमान बाकी है..!!
#बादलों अब तो #बरस_जाओ_सूखी_जमीनों_पर,
किसी का #मकान गिरवी है और किसी का #लगान बाकी है...!!!
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