"कृपा, रुतबा, इनायत, मेहरबानी बेअसर निकली मुझे बदनाम करने की निशानी बेअसर निकली मेरे हर लफ़्ज़ का जादू ज़माने की जबाँ पर है तुम्हारी साज़िशों की हर कहानी बेअसर निकली..."(कुमार विश्वास)
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